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रश्मि संजय (रश्मि लहर) श्रीवास्तव

Inspirational

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रश्मि संजय (रश्मि लहर) श्रीवास्तव

Inspirational

हिंदी

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पहला-पहला जब शब्द सुना ।

मां ने हिन्दी को तभी चुना ।

जब कलम हाथ में आई थी ।

तन- मन में हिन्दी छाई थी !! 


तुतलाकर बोला प्रथम बार! 

निकला था मुंह से तब माई!

वंदन देवी का किया गया;

हिन्दी थी कितनी हरसाई!! 


दादी जब गीत सुनाती थीं ।

गर्वित हिन्दी लहराती थी ।

बाबा की छलकी आँखों में,

हिन्दी पलकों पर छाती थी!! 


जिस लोरी को माता गाती!.

हिन्दी थी उसमें मुस्काई..

विनती जब ईश्वर की करती

हिन्दी की उसमें अरूणाई!! 


जब कदम धरा विद्यालय में..

हिन्दी का आंचल लहराया.! 

दुनिया के कोने -कोने में;

हिन्दी ने परचम फहराया!! 


पुस्तक के संग में ग्रंथ कई..

विद्वानों ने थे रच डाले थी! 

तब नाम किया जिन रत्नों ने..

सब थे हिन्दी के रखवाले थे!!


निखरेगी नव श्रृंगार किये..

पथ पर न कोई बाधा है!

अब विश्व पटल पर चमकेगी..

हिन्दी का जग से वादा है।।



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