हिंदी
हिंदी
भारत मां के माथे की बिंदी
कितनी सरस सहज है हिंदी।
संस्कृत भाषा से जन्मी हिंदी
मातृभाषा है अपनी हिंदी।
कबीर- सूर- तुलसी की हिंदी
मां भारती के माथे की बिंदी।
जन-जन का विश्वास है हिंदी
एक सुखद एहसास है हिंदी।
मेल-मिलाप बढ़ाती हिंदी
देश प्रेम सिखलाती हिंदी।
अपनत्व भाव फैलाती हिंदी
जीवन बगिया महकाती हिंदी।
भेद -भाव मिटाती हिंदी
मिलकर रहना सिखाती हिंदी।
सबको गले लगाती हिंदी
द्दृढ़ विश्वास जगाती हिंदी।
नई पहचान दिलाती हिंदी
राष्ट्र का मान बढ़ाती हिंदी।
