हिंदी
हिंदी
हिन्दी हिन्दु हिंदुस्तान
ये तीनों हैं मेरी शान
हिन्दी मे है बिंदी एक
मिलते पर पर्याय अनेक
इसका कोई नहीं है सानी
इसे किसी से कम न जान
हिन्दी ……………………….
भाषा मात्र नहीं है हिन्दी
ये तो है माथे की बिंदी
अन्तर्मन मे छुपे हुये,
भावों का करे प्रगटान
हिन्दी …………………..
हिन्दी से ही है पहचान
हिन्दी का ही ले लो ज्ञान
मेल करा दे हिन्दी ही,
जब मिल जाएँ दो अंजान
हिन्दी………………
हिन्दी सुरभाषा की धारा
हिन्दी का प्रभाव ही न्यारा
वाक विजय पाने को कर,
जिव्हा पर हिन्दी संधान
हिन्दी …………..