हिंदी की महिमा
हिंदी की महिमा
हिंदी से खिलती है पवित्र गंगा की मीठी मुस्कान,
हिंदी से ही परिभाषित होता है हिंदुस्तान l
तुलसी का मानस हर घर में पूज्य जब तक बसें प्राण,
हो नेपाल चाहे फिजी या मॉरीशस या भारत महान l
रहीम के दोहे और कबीर की अमृतवाणी,
नानक नाम सगुण निर्गुण की अमर कहानीl
जन जन के पटल पर अमित छाप छोड़ी पंत महादेवी और प्रेमचंद,
कहानी कहने की कला सीखो भारतेंदु से और काव्य कौशल घनानंदl
प्रसाद निराला चक्रधर काका और सूर का सागर,
समंदर विशाल समेटा जिसने वह बिहारी का गागरl
ब्रज की अपनी हिंदी है देहाती जबान,
बरदाई ने किया रासो में पृथ्वी का सुंदर गुणगानl
मैथिली और छत्तीसगढ़ी में मित्रता का बखान,
जायसी की पद्मावत ने बढ़ाई अवध की शानl
क्या कहने विश्वास बेचैन देवकी नीरज ओम गुलजार,
लाखों ने सीखी हिंदी और बड़ा हुआ हिंदी का संसारl
सुदूर के सिरों को जोड़ने का सूत्र है हिंदी,
ज्यों विशाल भारत मां के माथे पर बिंदी l
हिंदी है हमारे राष्ट्र का सम्मान,
सांस्कृतिक गौरव और मस्तक की शानl
सभी सोचते हिंदी में क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान,
जय हिंद जय हिंदी जय भारत जय हिंदुस्तानl