काव्य रचना- महिला सशक्तिकरण
काव्य रचना- महिला सशक्तिकरण
नारी नृत्य है, नारी गत्य है।
नारी संतति है, नारी संहिता है।
नारी कविता है, नारी सरिता है।
नारी आदि है, नारी अनादि है।
न कोई अंत है, नारी अनंत है।
नारी गरिमा है, नारी महिमा है।
नारी सेवा है, नारी समर्पण है।
नारी सुर है, नारी ताल है।
नारी संबल है, नारी सबला है।
नारी हृदय है, नारी हार्दिक है।
नारी पुष्प है, नारी पल्लवन है।
नारी अरमान है, नारी सम्मान है।
नारी 'रतन' मान है, अभिमान है।
नारी आशा है, नारी अभिलाषा है।
नारी विवेक है, नारी संवेग है।
नारी धारा है, नारी किनारा है।
नारी सुंदर सपन है, नारी निर्मल मन है।
नारी सत्य दर्पण है, नारी सर्वस्व अर्पण है।