हिंदी दिवस
हिंदी दिवस


सुन लो हिंद के नर नारी,
हिंदी जननी हमारी है।
नर की बात मत पूछो,
यह देवों को प्यारी है ।।
भाषाएं सब इसकी चेटी,
संस्कृत की प्यारी बेटी।
शारद जिह्वा पर विराजे,
हर भाषा पर भारी है ।
सुन लो हिंद के नर नारी ,
हिंदी जननी हमारी है ।।
स्वर सदा सरगम सजाता,
व्यंजन भाषा स्वाद चखाता।
बिंदु कभी चंद्र पर बैठा,
सदा मारे किलकारी है।
सुन लो हिंद के नर नारी,
हिंदी जननी हमारी है।।
अवधि अवधी ब्रज की बोली,
सबके कान में मिश्री घोली।
भोजपुरी भैया भौजी के,
हर बात निराली है ।
सुन लो हिंद के नर नारी,
हिंदी जननी हमारी है ।।
रस एकादश सोलह सिंगार,
छप्पय छंद बंद अलंकार।
यमक श्लेष और उपमा की,
सब शोभा न्यारी है ।
सुन लो हिंद के नर नारी,
हिंदी जननी हमारी है।।
हिंदी हिंदू हिंदुस्तान,
सर्व धर्म को देते मान ।
पर मैया को मोम बोलना,
यह कैसी लाचारी है ।
सुन लो हिंद के नर नारी,
हिंदी जननी हमारी है।।