सिर पर गगरी संस्कृत हो भरी जिसमें उर्दू अमृत सी हो सिर पर गगरी संस्कृत हो भरी जिसमें उर्दू अमृत सी हो
करोमि आशां वर्षे अस्मिन् सुख-दुख-भयकष्टेभ्यः मनः भवतु अनभिज्ञम् । मुखे सर्वेषाम् आगच् करोमि आशां वर्षे अस्मिन् सुख-दुख-भयकष्टेभ्यः मनः भवतु अनभिज्ञम् । मुखे सर्वेष...
बुझी चिंगारी सन-सत्तावन की बुझी चिंगारी सन-सत्तावन की
प्रसारित करना होगा ताकि सबकोई संस्कृत को ओर ज्यादा आसानी से सीख और बोल पाएं। प्रसारित करना होगा ताकि सबकोई संस्कृत को ओर ज्यादा आसानी से सीख और बोल पाएं।
वेद , शास्त्र , साहित्य सुन्दर सुविचारकों के उपन्यास सुन्दर ! वेद , शास्त्र , साहित्य सुन्दर सुविचारकों के उपन्यास सुन्दर !
हम हिंदुस्तानी हिंदी भाषा ही नहीं, भावना है हमारी, हैं हम हिंदुस्तानी हिंदी है पहचान हम हिंदुस्तानी हिंदी भाषा ही नहीं, भावना है हमारी, हैं हम हिंदुस्तानी हिंदी ...