हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
मैं हिंदी हूं, मेरी जननी हिंदी हैं,
मैं ज्ञानी, मैं संस्कारी, मेरा अस्तित्व हिंदी हैं।।
शिशु के लबों पर आता वो पहला नाम हिंदी हैं,
सांसे खत्म होने पर बोला गया वो नाम हिंदी हैं।।
सात वचनों के बंधन का अभिप्राय हिंदी हैं,
शुरू होती बाल्यपन की हर सीढ़ी हिंदी हैं।।
दूर विदेशों में भी सभी को मोहित करती, वो हिंदी हैं
चेतना को जाहिर करती वो हिंदी हैं।।
संस्कृति हिंदी हैं, पुण्य का समावेश हिंदी हैं,
भावनाओं को उजागर करती, वो बोली हिंदी हैं।।
