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अक्षरश : हिंदी साहित्य Dg

Inspirational

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अक्षरश : हिंदी साहित्य Dg

Inspirational

हिन्दी दिवस

हिन्दी दिवस

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रोज़ हम अंग्रेजी को बढ़िया बताते रहे,

आया हिन्दी दिवस तो हिन्दी का शोर मचाने लगे,

अखबारों तक सिमटकर रह गया जिसका बस नाम,

आया हिन्दी दिवस तो हिन्दी को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे ,


मेरी मानिए तो,


सिर्फ हिंदी दिवस पर इसकी सर्वश्रेष्ठा का,

इतना ज्यादा शोर मत मचाइए आप,

हिंदी से अगर प्रेम है तो दिल से बस अपनाइए आप,

है हमारी ये मातृभाषा, है हमारी संस्कृति की ये वाहक,

हर बच्चे के मुख से निःसृत तोतली भाषा है ये,

है हमारी राष्ट्रभाषा ये, है हमारी ये जननी।


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