हिन्दी भाषा की संस्कृति।
हिन्दी भाषा की संस्कृति।
हिन्दी भाषा की संस्कृति कितनी न्यारी,
जो सिर्फ़ पन्नों पर राष्ट्रीय भाषा हमारी।
पहली पंक्ति में हर स्थान पर अंग्रेजी है,
भारत में ही राष्ट्रभाषा दूजे स्थान पर है।
हिन्दी भाषा अपने देश में पराई हो रही,
अंग्रेजी भाषा ग़ैर होके भी सर्वोच्च रही।
भाषा को साधा न छन्दों को बाँधा हमनें,
राष्ट्रभाषा हिन्दी का दर्द समझा ना हमनें।
हिन्दी भाषा का व्याकरण लिखना हमनें,
अंग्रेजी भाषा को कैसे भी हराना है हमनें।
सभी राज्यों जिलों में अंग्रेजी तो है ज़रूरी,
पर हिन्दी भाषा कितनी जगह पढ़ाई जाती।