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Bhavna Thaker

Inspirational

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Bhavna Thaker

Inspirational

हौसला

हौसला

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कई दिल टूटे हैं आज

क्या लिखूँ फिर भी दिल कहता है

चाँद को एक संदेश लिखूँ।


शर्म कर चाँद तेरी चौखट पर

जो सुना तुमने संगीत, 

वो ना महज़ संगीत था 

कितने फ़नकारों की सालों से

की हुई तपस्या का रियाज़ था ! 


महसूस कर चाँद 

ये सिवन के आँसू नहीं

जो बह रहे हैं आँखों से,

पसीज रहा है पसीना

हर एक कलाकारों का

यान के एक-एक पुर्जे में महकेगा ! 


आज तो कर लिए दरवाज़े बंद

तुमने देखना एक दिन

ये शोर तुझे मजबूर कर देगा 

तू खुद दौड़कर स्वागत करेगा 

इसरो के जाँबाज़ोँ का !


ये उस माँ भारती के सपूत है 

गिर-गिर कर जिसने ठोकरें खाते ही 

संभलना सीखा है !


तो क्या हुआ की एक

कोशिश नाकाम हुई

हौसले की परवाज़ लिए

बार-बार उड़ेंगे !


बचाए रखना तू अपना अस्तित्व 

ये फिर वही धुन तुझको

सुनाने वापस तेरी

दहलीज़ पर लौटेंगे।


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