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Ink Man

Abstract

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Ink Man

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है उस पार क्या

है उस पार क्या

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है उस पार क्या ?

शायद ही जान पाओ

महज कागज़ी है ये गंभीरता

या बदलते हालात का असर है 

शायद ही जान पाओ


रिसने लगा है सतह से पानी

या जर्जर वास्तिवकता का

ढांचा होने लगा है 

शायद ही जान पाओ


आकांक्षाओं में तपती आँखें

ढूंढती जिस क्षितिज को 

महज एक दीवार पे

लटकी तस्वीर है या

ठहरे मंज़र की निशानी है 


शायद ही जान पाओ

है उस पार क्या?

शायद ही जान पाओ


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