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Deepika Raj Solanki

Comedy

4  

Deepika Raj Solanki

Comedy

हाय ! ये पराठे

हाय ! ये पराठे

2 mins
347


हर बार का ताना होता है,

जब उन्हें पराठा खाना होता है,


एकदिन पहले सूचित कर दिया जाता है

कल खाना पराठा है,

सूचना यह नींद उड़ा जाती है,

क्योंकि पराठे बनाने की कला हमें नहीं आती है।

पराठा बनाना गणित के पेपर से ज्यादा कठिन समझ आता है,

अनुपात में कितना आटे में पानी मिलाना है फिर उसमें

कितना अजवाइन और नमक का रेशियो बढ़ाना है,

भाई! यह मुझे किसी पाइथागोरस थ्योरम से भी कठिन नज़र आता है।


आकृति पराठे की कैसे निखरे,

कहीं से मोटा तो कहीं से पतला हो जाता है,

बनाऊं गोल तो कहीं से चकोर तो कहीं से गोल हो जाता है,

इसीलिए कई बार आदमी मेरा कंफ्यूज हो जाता है,

गोलाई की परिभाषा को पराठा मेरा बदल जाता है,

बनाऊं चकोर तो चारों कोनों से कान निकल जाते हैं,

और बनाऊं त्रिभुज तो पति के कान से धुऐ निकल जाते हैं।


आंखें लाल, तीखी जुबान डाइनिंग टेबल में रह जाते हैं,

पराठे गाय का आहार बन जाते हैं।

असमंजस में पड़ जाती हूं,

जब पराठे बनाती हूं,

कोसती हूं अपने को-

जब कहती थी मम्मी सीख लो रिंकी

बनाने गोल पराठे और रोटी।


सुनो आगे भाई!

अभी नहीं खत्म हुई है पराठे से मेरी लड़ाई,

रसोई का मौसम और बिगड़ जाता है,

पराठा जब आलू का बनाना पड़ जाता है,

आलू ज्यादा उबल जाता है,

आलू मसाला आटे में डालें या आटा आलू मसाले में डालें,

समीकरण यह समझ में नहीं आता है।


बहाने खूब बनाते हैं,

पति को पराठे के नुकसान,

दलिया के फायदे समझाते हैं,

डायबिटीज कैस्ट्रोल के खतरे के गिनाते हैं,

पराठों के दीवाने,

साजन हमारे बहाने हमारे समझ जाते हैं

कभी प्यार से तो कभी ताने से,

सिखाना चाहते हैं पराठे बनाना,

यूट्यूब में how to make पराठा टाइप कर

वीडियो दिखाते,


कभी अपनी मां के पराठे याद कर जलाते,

हम भी पर मोटी चमड़ी वाले कहलाते,

सीख नही पाय कैसे पराठे बनाते।


हो गए हैं दस साल शादी को,

पराठे बनाने भाई! नहीं हमें आए,

ताने हजार पचा लेती हूं,

कुबूल कर ली है कमी अपनी,

अब तुम दो ताने चाहे मर्जी हो जितनी।


बना खिला दूंगी कबाब,

अब कभी ना कहना,

 बनाने को पराठे जनाब,

 देखो ! साजन हो जो क्लेश का कारण

 छोड़ ऐसी इच्छा को,

समन्वय दांपत्य जीवन में अगर है लाना,

होगा पराठा को तो भूल जाना।


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