हारना ज़रूरी था
हारना ज़रूरी था
आसमान को तकते रहते हैं
ज़मीन का कुछ ख़याल नहीं
तुम मिटटी से ही आये हो
और मिटटी में जाओगे
शायद यही याद दिलाने के लिए
हारना ज़रूरी था।
तकलीफों ने सभी खरगोशों को
कछुआ बना दिया
दौड़ कर गिर जाने से अच्छा
कुछ पल बैठ कर लुफ्त उठाना
शायद यही याद दिलाने के लिए
हारना ज़रूरी था।
होता है अक्सर भूल जाना के चलना कैसे है
कंधों पे जिनके हाथ रख चलते है
उन्हें भी १ दिन जाना है
गिर कर फिर उठना और अकेले चलना
शायद यही सीखने के लिए
हारना ज़रूरी था।
भाग दौड़ भरी उस ज़िन्दगी में
जब अपनों के लिए वक़्त नहीं था
वक़्त ने किया कुछ ऐसा सितम की
आज वक़्त ही वक़्त है मगर अपनों को खो बैठे हैं
शायद अपनों की अहमियत समझने के लिए
हारना ज़रूरी था।
यह दुःख -दर्द तुम्हे अपनी मंज़िल
तक पहुंचने के लिए खूब रुलायेंगे
तुम आंसू भरी आँखों से धुंधली मंज़िल देखते रहना
शायद मंज़िल को साफ़ तौर से देखने के लिए
हारना ज़रूरी था।
सलाम है ऐसे वक़्त को जिसने सीखा दिया की
उम्मीद की अहमियत क्या है
सलाम है ऐसे वक़्त को जिसने
सीखा दिया की इंसान कितने इंसान है
मगर इन्हीं सब सच्चाइयों का स्वाद चखने के लिए
क्या हारना ज़रूरी था ?
