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Renuka Raje

Romance Classics

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Renuka Raje

Romance Classics

हां मुझे प्यार हैं तुमसे !

हां मुझे प्यार हैं तुमसे !

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लोग अक्सर पुछते है मुझसे,

के मैं तुमसे इतना प्यार क्यों करती हूं ?

अब उन्हें मैं क्या समझाऊं,

के ऐसा कौन है... जो अपनी ही जिंदगी से प्यार नहीं करता !


मुझे प्यार है तुमसे क्योंकि....

जब भी मैंने खुद को अंधेरों में पाया,

वो तुम ही तो थे... जिसने मुझे उजालों में लाया,

जब भी मुझे दर्द के सायों ने घेरा,

वो तुम ही थे..., जिसने मुझे मरहम लगाया,

तो फिर बोलो, मैं क्यों ना तुमसे इतना प्यार करुं!!!

तुम कहो ना कहो,

मगर तुम्हें परवाह है मेरी,

तुम्हारी नज़रों से ही ये पता चलता है..

तुम इजहार नहीं करते कभी...

लेकिन तुम्हारी खामोशी से भी,

तुम्हारा प्यार झलकता है...


तुम्हारे साथ खुश हूं, महफूज हूं....

तो फिर बोलो, मैं क्यों ना तुमसे इतना प्यार करुं!!!

आज कुछ और नहीं,

बस इतना ही एक इरादा कर लो,

तुम हर जन्म में, साथ रहोगे ये वादा कर लो,

तो फिर बोलो, मैं क्यों ना तुमसे इतना प्यार करुं !


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