हादसा इश्क़ में अजब होता
हादसा इश्क़ में अजब होता
हादसा इश्क़ में अजब होता
तू मेरा होता तो ग़ज़ब होता
रूठ जाना तेरा अखरता न यूँ
रूठ जाने का गर सबब होता
बेवफा उसको तो होना ही था
अब न होता अगर तो कब होता
तू नहीं है तो फिर नहीं है कुछ
तू जो होता अगर तो सब होता
चीखें ख़ामोशी में बदल जाती
गर लबों पर तुम्हारा लब होता

