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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"गुरू गोविंद सिंह जी"

"गुरू गोविंद सिंह जी"

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त्याग और बलिदान के थे, बहुत उच्च प्रतीक

गुरु गोविंद सिंह जी आप थे, बड़े ही निर्भीक

पिताजी थे, आपके गुरु तेग बहादुर सिंह जी

और आपकी जननी माता का नाम था, गुजरी


सिख सम्प्रदाय के बने थे, आप दसवें गुरु

अधर्म पर चलाया आपने सत्य चक्र, पुनीत

त्याग और बलिदान के बहुत उच्च प्रतीक

गुरु गोविंद सिंह आप थे, बड़े ही निर्भीक


आपके पुत्र जोरावर सिंह और फतेहसिंह

कौन भूल सकता है, उनका बलिदान-गीत

जिन्हें मुगलों ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया,

फिर भी उन्होंने न झुकाया, सर मुगलों बीच


ऐसे बहादुरों को याद कर, बह आता है, नीर

ऐसे बहादुरों के कारण सुनहरा रहा, अतीत

ऐसे ही वीर थे, झुझारसिंह, बड़े पुत्र अजीत

चमत्कौर युद्ध में मुगलों को किया, भयभीत


इतिहास में चमत्कौर, जैसा कोई युद्ध न होगा

42 खालसा ने, कई मुगलों को लिया था, जीत

अजीत, झुझारसिंह ने, मुगलों को किया था पराजित

शहीद होकर भी जीताया, चमत्कौर युद्ध, निर्भीक


गुरु गोविंद सिंह जी, यूँ तो आप थे बड़े विनीत

दुष्टों के लिये आप थे महाकाल रौद्र रूप तीर

सच्चे गुरु आप थे, आपने ही सिख सम्प्रदाय में

गुरु ग्रन्थ साहिब को बनाया, अगला गुरु गीत


आपकी शिक्षाएं, आज भी है, हमारी मार्गदर्शक,

उठाओ शस्त्र, और तोड़ दो अधर्म की हर चीज

जलता रहेगा, दुनिया में तब ही सत्य दीप

जब हम बनेंगे बाती, मिटा देंगे तम कीच


त्याग और बलिदान के थे, बहुत उच्च प्रतीक

गुरु गोविंद सिंह जी आप थे, बड़े ही निर्भीक

आपके उपदेश, अच्छाई का रास्ता दिखा रही नित

आप थे रवि, गुरु गोविंद सिंह, जी अंधेरे बीच


गुरु गोविंद सिंह जी, हम आपसे करते बहुत प्रीत

गुरुजी आपके कारण धर्म की हुई थी, बड़ी जीत

आपकी बाते, सोए इंसानों में जगाती जीत उम्मीद

आपकी जय हो, गुरुजी, आप थे सत्य की शमशीर



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