गुरु नाम।
गुरु नाम।
गुरु नाम रट लीजै, रे मन ! गुरु नाम रट लीजै।
गुरु नाम है बड़ा फलदाई, बिन मांगे सब कुछ मिल जाई।
अंतर्मन निर्मल कीजै, रे मन ! गुरु नाम रट लीजै।।
जात-पात का बंधन न कोई, गुरु को भजे सो गुरु का होई।
दु:ख, संताप हर लीजै, रे मन ! गुरु नाम रट लीजै।।
सतसंगत की महिमा निराली, चहु दिश फैल रही खुशहाली।
अध्यात्म रस भर लीजै, रे मन ! गुरु नाम रट लीजै।।
असली जीवन का सार यही है, संत जनों का आधार यही है।
संगत इन्हीं की कर लीजै, रे मन ! गुरु नाम रट लीजै।।
भक्ति भाव हो प्रहलाद जैसी, सेवा भाव हो शबरी जैसी।
"नीरज" गुरु कृपा भर लीजै, रे मन ! गुरु नाम रट लीजै।।
