गुरु दक्षिणा
गुरु दक्षिणा
एक बेहतरीन इंसान
गर कहीं एक शिक्षक भी है तो
उसके छात्रों के लिए
भगवान की तरफ से प्रदत कोई
इससे कीमती तोहफा नहीं हो सकता
मां किसी बच्चे की
जन्मदाता होती है
पिता उसका पालनहार लेकिन
उसे एक अच्छा शिक्षक भी
कहीं मिल जाये और
उसके साथ एक परिवार की
तरह ही
हमेशा के लिए जुड़ जाये
तो
यह किसी चमत्कार से
कम घटना नहीं होती
एक शिक्षक का अपने छात्रों के
जीवन में एक बहुत ही अधिक
महत्वपूर्ण स्थान होता है
एक शिक्षक को चाहिए कि
वह हर समय
सारी उम्र
अपनी आखिरी सांस तक
अलग अलग विषयों पर
ज्ञान अर्जित करता रहे
भांति भांति और
तरह तरह की घटनाओं पर
खूब विवेचना करें
हर बात को गहराई से समझे
क्योंकि
गर वह ही ज्ञानी नहीं होगा
अनुभवी नहीं होगा
एक गुणों का खजाना नहीं
होगा तो
अपने विद्यार्थियों को भला
क्या सिखा पायेगा
एक अच्छे शिक्षक को
तो एक गहरी साधना में
लीन होना पड़ता है
निरंतर पढ़ने पढ़ाने का
अभ्यास करते रहना पड़ता है
अपने छात्र से अधिक उसे
आना चाहिए
गूगल भी जिन प्रश्नों के
उत्तर दे पाने में असमर्थ
हो वह
उस गुरु के पास अपने
शिष्य के लिए होने
चाहिए
उसका शिष्य उसके लिए
एक गुलाब का फूल
होना चाहिए
उसकी रक्षा का उसे
दायित्व निभाना चाहिए
एक कांटों के घेरे सा ही
उसे सुरक्षा कवच प्रदान करना
चाहिए
उसके शिष्य का
नाम सारे जग में एक
प्रकाश पुंज सा फैले
उसके कर्मों की सुगंध
चारों दिशाओं में बिखरे
और सबका कल्याण करे
वह हमेशा
एक मजबूत इमारत की
तरह डटकर
अपना सीना तानकर
अपना सिर ऊंचा कर
आकाश को छूने के
सपने देखता रहे
वह जो चाहे वह प्राप्त
कर सके
अपने मनचाहे क्षेत्र में
महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करे
समाज का कल्याण करे
शिक्षित हो
सफल हो
लेकिन एक अच्छा
इंसान होना भी
उतना ही आवश्यक है
यथासंभव सबकी मदद करे
इन लक्ष्यों को वह
हासिल कर पायेगा तो
अपने गुरु को
सही अर्थों में उनकी
गुरु दक्षिणा दे पायेगा
एक सच्चे गुरु को क्या
चाहिए होता है कि
उसने सारी उम्र अपने
विद्यार्थी को बनाने में जो
खुद को घिसा तो
आज वह एक सूरज की
तरह ही
चहुं दिशाओं में चमके
सुबह एक सूरज के
प्रकाश तो
रात के अंधकार में भी
एक दीपक की रोशनी सा
उन्होंने तमाम जीवन
उसका मार्ग प्रशस्त किया
रोशन किया
खुद की सफलता का श्रेय भी
उसी को दिया
खुद का जीवन लगाया
पर अपने विद्यार्थियों का
जीवन बनाया
इस बात का भी
फिर गुरु के दिल में कोई मलाल नहीं
होगा।