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प्रीति प्रभा

Abstract

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प्रीति प्रभा

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गुरु चंदन हम माटी

गुरु चंदन हम माटी

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गुरु बिना क्या होता इस जहान में ज्ञान

ज्ञान बिना क्या होता किसी का पहचान 


गुरु चंदन हम माटी, जिसने ज्ञान है बाँटी

गुरु अधूरा शिष्य बिना जैसे दीया बिन बाती 


जिनसे है संसार का सार, हमको मिला आकार

वो भी शीश नवाते है, दूर कर अपना अंधकार


अज्ञानता को दूर कर, आँखों में ख़्वाब भर देते

बिना लोभ मोह माया के सब को सही दिशा दिखाते 


ना करना कभी ज्ञान पे अपने अभिमान 

वरना इक दिन नष्ट हो जायेगा तेरा गुमान


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