गुलाब
गुलाब
हर सुबह खिलता हुआ गुलाब तुम्हें भेजूंगी
अपने इश्क में डूबा हुआ एहसास तुम्हें भेजूंगी।
ये बताने को कि अब रुकते नहीं अश्क
अश्कों से भीगा हुआ गुलाब तुम्हें भेजूंगी।
अपनी तन्हाई का एहसास दिलाने के लिए
रोज एक महका हुआ गुलाब तुम्हें भेजूंगी।
अब हाल क्या है मेरा तुम्हारी जुदाई में
फिर वही दर्द भरा अंदाज तुम्हें भेजूंगी।
आज फिर इस दिल को रुलाया तुमने
आज एक मसला हुआ गुलाब नए अंदाज में तुम्हें भेजूंगी।

