STORYMIRROR

Vishal patil Verulkar

Romance

3  

Vishal patil Verulkar

Romance

गुलाब

गुलाब

1 min
425


हर सुबह खिलता हुआ गुलाब तुम्हें भेजूंगी

अपने इश्क में डूबा हुआ एहसास तुम्हें भेजूंगी।


ये बताने को कि अब रुकते नहीं अश्क

अश्कों से भीगा हुआ गुलाब तुम्हें भेजूंगी।


अपनी तन्हाई का एहसास दिलाने के लिए

रोज एक महका हुआ गुलाब तुम्हें भेजूंगी।


अब हाल क्या है मेरा तुम्हारी जुदाई में

फिर वही दर्द भरा अंदाज तुम्हें भेजूंगी।


आज फिर इस दिल को रुलाया तुमने

आज एक मसला हुआ गुलाब नए अंदाज में तुम्हें भेजूंगी।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance