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Kavi kapil khandelwal 'Kalash'

Inspirational

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Kavi kapil khandelwal 'Kalash'

Inspirational

गर्व

गर्व

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हाँ मुझे गर्व मैं

भारती का लाल हूँ 

देश का सिपाही हूँ 

धरती का किसान हूँ 

देश का अभिमान हूँ 

पन्नाधाय का पुत्र हूँ 

दशरथ का राम हूँ 

देवकी का कान्हा हूँ 

अन्धे माँ-बाप का श्रवण हूँ 

देश की आन-बान-शान

 की खातिर 

दुश्मन से लड़ने के लिए 

आठों पहर तैयार हूँ

वतन की खातिर जो 

मर मिट गया 

उस उजड़ी माँ की कोख

का शहीद लाल हूँ 

हाँ मुझे गर्व मैं

भारती का लाल हूँ ।



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