गरीबी
गरीबी
ये हैं गरीब ये है भूके
पेट है खाली होंठ है सूखे
झूठे सपने देखे सो के
ज़िंदा लाशें धरती मायके !
कभी मिलेगा थोड़ा खाना
कभी पडेगा भूका सोना
कभी है हँसना कभी है रोना
जीवन का ज़हर मुश्किल है पीना !
कौन करेगा इनसे प्यार
दर दर फिरते खाये ठोकर
बिगड़ी हुई हैं इनके तक़दीर
गरीबी का ये है तस्वीर !
फटे है कपडे नहीं ठिकाना
जीनेको बहाये खून पसीना
आसूं है पीना ज़ख्मे है
मुश्किल है जीना मुश्किल है मरना !
वाहरे खुदा तेरी खुदाई
काहेको तू गरीब बनायी
आमिर के राहों को फूलों से
गरीब के राहों में कांटे क्यों बिछाई !
