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Sanjay Arjoo

Abstract

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Sanjay Arjoo

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गरीबी अमीरी

गरीबी अमीरी

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फटे हुए कपड़े, 

दस किलो की 

पानी से भरी बाल्टी


या मेरे सर पर रखी

गीली लकड़ियों का ढेर,

ढोलक की थाप पर 

मेरी नाचती हुई मजबूरियां,


वो टूटे हुए,मिट्टी के बर्तन

खाने की टोकरी में रखे

कुछ सूखे हुए बेर,

ये सब तुम्हें 

दयालु होने का एहसास कराते हैं


इसीलिए

मेरी गरीबी से भरे पोस्टर

तुम्हारे महंगे ड्राइंग रूम में नजर आते हैं।


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