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Sanjay Arjoo

Abstract Action Inspirational

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Sanjay Arjoo

Abstract Action Inspirational

हर पुरूष दोषी नहीं

हर पुरूष दोषी नहीं

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एक औरत की ज्यादती के बदले

क्यों बदनाम हो सम्पूर्ण पुरुष जाती।

क्या हर पुरुष पिता के साथ

आज भी बेटियां घर नहीं जाती ?


क्या सड़क पर बेटियां,?

नही झूमती खुश होकर।

क्या हर पुरूष नही करता मदद।

बेटियों की पिता, भाई मित्र होकर ?


कोई वर्ग, कोई जाति, चाहे हो कोई धर्म।

पिता होकर जब डरता खुद मैं,

कैसे करूं मैं अधर्म ?

दो सजा उन कुकर्मियों को,

मैं साथ खडा हूं, बेटियों संग।


करो बदनाम नही पुरुषों को

सुधारो अपना, राजधर्म,

सभी पुरूष होते नही अधर्मी,

है, यही मेरी कविता 

है, यही कवि का मर्म।


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