STORYMIRROR

Ruchi "Harsh"

Abstract

4  

Ruchi "Harsh"

Abstract

गज़ल

गज़ल

1 min
239

वजह-बेवजह मुस्कुराना चाहिए

जमाने का क्या है! नुक्स निकालने का बहाना चाहिए।


भीड़ बहुत है चौराहों पर आजकल

सुनसान-सी सड़क पर निकल जाना चाहिए।


बेपनाह मोहब्बत का जमाना नहीं रहा

बिना तकल्लुफ के भीग जाना चाहिए।


गुमां के चश्मे भी खूब मिलते हैं बाजारों में

घर में घुसो तो उतार के जाना चाहिए।


ज्योतिषी ने देखा हाथों में राजयोग

*दिले-उल्फत का दरिया भी तो नज़र आना चाहिए।


गैरों की बातें करके बातें बनाते हैं

खुद के आईने में कभी खुद को भी बैठाना चाहिए।


दिले-उल्फत - मन का हाल  

गुमां - अंहकार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract