STORYMIRROR

डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Inspirational

4  

डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Inspirational

ग़ज़ल

ग़ज़ल

1 min
384

चाहे जैसी मुश्किल हो पर,मत मन में लाचारी रख

आगे बढ़ना चाह रहा तो ,हिम्मत से भी यारी रख।


बचपन को तालीम दिलाना ,माना बहुत जरूरी है,

पर उनके नाजुक कंधों पर,कभी न बस्ता भारी रख।


गाड़ी, बंगला, लाखों रुपये ,भले जुटाए हैं तूने,

नश्वर दुनिया से तू हरपल,जाने की तैयारी रख।


बस अपने में सिमटे रहना ,कोई अच्छी बात नहीं, 

यदि दुनिया में आया है तो,थोड़ी दुनियादारी रख।


खाना - सोना, जिंदा रहना ,नहीं ज़िन्दगी होती है,

अगर सुकूँ की चाहत है तो,मेहनत भी तो ज़ारी रख।


साला - साली , बीवी - बच्चे, सारे तेरे अपने हैं,

जिसने पैदा किया साथ में,वह बूढ़ी महतारी रख।


माना हुनर अदीबों वाला,बिल्कुल मेरे पास नहीं,

मगर तजुर्बे से जो बोली,बात याद वह प्यारी रख।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational