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Ashwani Mittal 'ऐश'

Classics

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Ashwani Mittal 'ऐश'

Classics

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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ज़िन्दगी इस भ्रम में जाएगी...

आएगी, आएगी, वो आएगी....


सुबह की शाम आ गई है तो...

शाम की सुबह भी तो आएगी...


मारना चाहती है जो मुझको...

एक दिन मर तो वो भी जाएगी...


मैं सफ़र में रहूँगा साठ बरस...

बद-नसीबी कहाँ तक आएगी?...


भूख, सहरा निगल कर आई है...

प्यास, दरियाओं को मिटाएगी...


दोस्तो ! ज़िंदगी की कद्र करो...

मौत इज़्ज़त से पेश आएगी...


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