एकता
एकता
या तो सारे मुसलमान, हिन्दू हो जाएं
या सारे हिन्दू , मुसलमान हो जाएं
या छोड़ो इन बातों को
आओ सब इंसान हो जाएं।
मज़हब - मतलब की मशक्क़त में
क्या कहें कौन कब बंदूक हो जाएं
सारे सियासतदानों के सर सुनसान कर दे
काश के कोई ऐसा संदूक हो जाएं।
काश के ये काम आसान हो जाएं
वो हमसे अदब से मिले
हम उनसे महोब्बत से मिलें
इंसान की तरह सब की पहचान हो जाए।
क्या सरहद क्या मज़हब
नफ़रत, फ़ितरत और काफिराना हरकत
तमाम मसले पीछे छोड़कर
हिन्द के रहने वालों
आओ सब मिल कर हिन्दुतान हो जाएं।
नफ़रत हटा कर मिसालें हो जाएं
काम कुछ हम भी ऐसा कर जाएं
तिरंगा फहराएं देश आबाद हो जाएं
आओ कुछ रानी लक्ष्मीबाई
और कुछ अब्दुल कलाम आज़ाद हो जाएं।