Shakun Agarwal
Inspirational
एक अकेला सके न कर कुछ, होता है कमजोर
साथ मिले यदि दूजे का तो, बंधे प्रेम की डोर।
बन जाते ग्यारह है देखो, साथ एक अरु एक
नहीं रहे मुश्किल कोई भी, राहें खुलें अनेक।
शब्द की तलवार
नदी की करुण प...
नव भोर
एकता की ताकत
"बंधन स्नेह क...
"साथ अजनबी का...
रिश्तों से बँ...
हर भारतीय की शक्ति है हिन्दी सहज सरल अभिव्यक्ति है हिन्दी। हर भारतीय की शक्ति है हिन्दी सहज सरल अभिव्यक्ति है हिन्दी।
महादेव के वरदान से अब पाँच पांडवों की वह पत्नी थी। महादेव के वरदान से अब पाँच पांडवों की वह पत्नी थी।
अपने स्वामी के हर कठिन पथ पर बनने संगिनी लक्ष्मण रहे ना थे कभी प्राणप्रिय भ्राता से अपने स्वामी के हर कठिन पथ पर बनने संगिनी लक्ष्मण रहे ना थे कभी प्राणप्रिय...
मीरा तुलसी और कबीर ने लिखा साहित्य अनूठा है हिंदी मीरा तुलसी और कबीर ने लिखा साहित्य अनूठा है हिंदी
बनकर कवियों की वाणी, किया इसने अपना श्रृंगार है। बनकर कवियों की वाणी, किया इसने अपना श्रृंगार है।
सभ्य समाज की मैं पहचान हूं मैं ही यह सतरंगी हिंदुस्तान हूं सभ्य समाज की मैं पहचान हूं मैं ही यह सतरंगी हिंदुस्तान हूं
इस जग की खुलती खिड़की से - कितने प्रेमी झाँक रहे हैं इस जग की खुलती खिड़की से - कितने प्रेमी झाँक रहे हैं
जीभ गले होठों से जब भी स्वर निकले तो हिंदी बोलो। जीभ गले होठों से जब भी स्वर निकले तो हिंदी बोलो।
हर दिन हिंदी दिवस हमारा हम सब ये क्यों ना मानें। हर दिन हिंदी दिवस हमारा हम सब ये क्यों ना मानें।
हिन्दी बने रोज़गार की भाषा हिन्दी बने कामकाज की भाषा। हिन्दी बने रोज़गार की भाषा हिन्दी बने कामकाज की भाषा।
हर मन का अरमान है हिंदी जग की शान है हर मन का अरमान है हिंदी जग की शान है
रंग ना देती स्याही यदि, कलम कैसे उकेरती, दुनिया की कही अनकही बातों को।। रंग ना देती स्याही यदि, कलम कैसे उकेरती, दुनिया की कही अनकही बातों को।।
जन जन की आवाज है हिंदी सभ्यता संस्कृति का साज है हिंदी। जन जन की आवाज है हिंदी सभ्यता संस्कृति का साज है हिंदी।
फिर भी जाने क्यूँ हिन्दी को, बिसराया भारत जन ने। फिर भी जाने क्यूँ हिन्दी को, बिसराया भारत जन ने।
दिन को उजाला करता है सूरज रात को बत्ती बन जाते हैं चांद तारे। दिन को उजाला करता है सूरज रात को बत्ती बन जाते हैं चांद तारे।
हाँ,मैं एक दिया हूँ सतत् सक्रिय,कभी न निष्क्रिय!! हाँ,मैं एक दिया हूँ सतत् सक्रिय,कभी न निष्क्रिय!!
हिन्द की धरा की तो पहचान है हिन्दी। हर भारतीय के लिए इक शान है हिन्दी। हिन्द की धरा की तो पहचान है हिन्दी। हर भारतीय के लिए इक शान है हिन्दी।
चलो चलें,एक रंग, रूप ,एक प्रेम भाव से सबको जोड़ें। चलो चलें,एक रंग, रूप ,एक प्रेम भाव से सबको जोड़ें।
पूजी जाती थी सदियों से नारी जहाँ मुझे आज फिर वही हिंदुस्तान चाहिए। पूजी जाती थी सदियों से नारी जहाँ मुझे आज फिर वही हिंदुस्तान चाहिए।
परिवर्तन की लहर चलाकर, दायित्व अपना निभाना है। परिवर्तन की लहर चलाकर, दायित्व अपना निभाना है।