एक रिश्ता बस मन का !!!
एक रिश्ता बस मन का !!!
एक रिश्ता बस मन का,
नाम नहीं ,बेनाम सा,
हासिल न हुआ, जुदा जुदा सा,
न गुम सा, न पाया सा,
दूर हो कर भी, क़रीब सा,
इश्क़ तो नहीं,पर प्यार सा ,
अनकहा सा…हः फिर भी उम्मीद सा,
क्या है… क्यों है….फिर भी है,
ये रिश्ता बस मन का।

