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Ajit Meher

Romance

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Ajit Meher

Romance

एक मुलाकात फिर

एक मुलाकात फिर

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एक मुलाकात फिर करते हैं

तेरे मेरे बीच जो अधूरा है

चल उसे आज पूरा करते हैं

चल मिलते हैं फिर से उसी रस्ते में

वो बिछड़न के कुछ ही दूर आगे

वो शिकायत , वो नाराज़गी 

शुरु होने के कुछ पल आगे।


तेरे मेरे बीच में कुछ तो बाकी होगा 

देख जरा,

आज भी तेरे सीने में शायद मेरा दिल होगा

देख जरा।

यह दुनियां की बात छोड़ अभी 

फिर कभी करेंगे।

चल तेरी मेरी बात फिर करते हैं

आज एक मुलाकात फिर करते हैं।


अब मिलेंगे तो

कुछ इस तरह मिलेंगे

जैसे कभी गिले न थे

या फिर

जैसे कभी मिले न थे

एक बार पीछे मुड़के देख ज़रा

यह रिश्ता वहीं होगा ठहरा

चल ना 

आज कुछ नया बुनते हैं

एक मुलाकात फिर करते हैं।


मेरे आँखों में देख ज़रा

मेरे सांसो से मिल ज़रा 

इसी आग में कुछ सुलगता होगा

हवा के एक झोंके के इंतज़ार में तड़पता होगा

चल एक कोशिश फिर करते हैं

आज एक मुलाकात फिर करते हैं।


रास्ते जैसे एक दूसरे से यूँ ही नहीं मिलते

रिश्ता भी हर किसी से यूँही नहीं बनता 

कुछ तो है तेरे मेरे दरमियाँ

देख ज़रा 

इक ढेर होगा यादों का

और बिखरी कई सिसकियां होगी

शायद ज़िंदगी भी वहीं खड़ी होगी,

चल सारे चीजों को समेट लेते हैं 

आज एक मुलाकात फिर करते हैं।



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