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Ankita jain

Tragedy

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Ankita jain

Tragedy

एक बेटी की आवाज

एक बेटी की आवाज

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मैं कुछ कहना चाहती हूँ,

जरा ध्यान दीजिए,

अपने कीमती वक्त में से,

दो पल मेरे लिए निकाल लीजिए।

   

मैं आपकी अपनी बेटी हूँ,

मेरी समस्या का समाधान कीजिए

मैं एक लड़की हूँ,

मुझे सदा इस बात की सजा

मिलती है।


कभी दहेज, कभी तेजाब,

कभी बलात्कार की आग में,

मेरी जिंदगी जलती है।


कभी कर भ्रूण हत्या,

जिंदगी छीन ली जाती है,

कभी बलात्कार कर,

इज्जत लूट ली जाती है।


मंदिर में देवी को चुनरी 

ओढ़ाने वाले,

कौरव बन भरी सभा में,

वस्त्र हरण करते हैं।


जिस नारी ने जन्म दिया,

उसी का जीवन दूभर करते हैं।

मैं पूछना चाहती हूँ,

क्या लड़की होना गलती हैं मेरी,


या गुनहगार वे है,

जिनके कुकर्मों ने,

की मेरी जिंदगी अंधेरी।


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