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Nimmi Kakkanatt

Drama

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Nimmi Kakkanatt

Drama

एक अनजानी-सी प्यार

एक अनजानी-सी प्यार

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मैं जानती थी नहीं,

तेरी मुस्कान,

और दिल में मेरे लिए,

बना दिया घर,

एक वचन से !


नज़र से तूने बना दिया,

सपना भी मैं जानती थी नहीं !


दिल की रास्तों में,

मुझे रखा दिया पर,

तेरी आँखों से मुझे,

नज़र नहीं आती !


घिलते फूलों से,

ठंडी हवा से तूने,

मेरे बारे में बोलता था,

पर मैं जानती थी नहीं !


एक दिन,

दूसरे के हाथ पकड़ के,

मैं दूर चली जाती वक्त,

तेरा मन टूट गया मगर,

मैं जानती थी नहीं !


तूने मेरे लिए बना दिया सपना,

घर गिर गया और,

तूने मौत के हाथों में चला गया मैं,

जानती थी नहीं !


मगर,

"प्यार है" ऐसा एक वचन,

तेरी मुँह से सुनने के लिए,

मैं इंतज़ार करती थी,

और ये तू भी नहीं जानता था !


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