दूर रह कर भी दीदार किया जाए
दूर रह कर भी दीदार किया जाए
दूर रहकर भी दीदार किया जाए तुमसे
दूर रह कर भी प्यार किया जाये तुमसे
प्यार का इज़हार करता हूँ
फिर भी बेदर्द कहा उसने।
तेरे लबों से ये लफ़्ज सहा ना जाये हमसे
दिल से ज़फा मिले तो,
दर्द भी वक़्त के साथ बहता है
ना नींद आती है ना चैन आता है।
खोए रहते हैं उन दर्दो के साथ दिन भर
रातों में दर्द सपना बनकर आता है
दिल से दर्द बहता है।