दुनिया का मेला
दुनिया का मेला
ये दुनिया का मेला है यह दुनिया का मेला,
है हर कोई मुसाफिर यहाँ कुछ समय का,
अपना अपना वक्त गुजारेगा हर कोई यहाँ पर,
सुख भी पायेगा यहाँ हर कोई और दुःख भी पायेगा हर कोई,
मोह माया के चकरों में हर कोई पड़ा रहेगा,
दौलत के पीछे कोई दौड़ेगा कोई ऐशोराम की तलाश करेगा,
वक्त होता नहीं किसी के पास हर कोई मशगूल यहाँ पर,
यह दुनिया का मेला है यह दुनिया का मेला,
बुलावा जब आ जाएगा ऊपर वाले का,
सब कुछ यहीं पर फिर रह जाएगा,
बस खाली हाथ फिर उस सफ़र पर चल पड़ेंगे,
यह दुनिया का मेला फिर पीछे रह जाएगा,
यह दुनिया का मेला है यह दुनिया का मेला.....