दोस्ती
दोस्ती
दिखावे की दुनिया में एक ही तो सहारा हैं
वो नाचीज़ हमें जाँ से भी ज़्यादा प्यारा हैं॥
जो नहीं माँगता कोई क़ीमत यारी की
कहाँ होती हैं हमें ख़बर दुनियादारी की।
वक़्त बेवक्त परेशानियों ने हमें घेरा है
यारा तेरी दोस्ती ने ही तो हमें सम्भाला है॥
एक मित्रता कृष्ण- सुदामा ने मिसाल दी
अब कहाँ हैं वो निस्वार्थ भाव वाली दोस्ती।
हर दुःख में जो हँसा देता हैं अरे यारों
ये दोस्त मेरा सबसे जुदा और प्यारा हैं ॥
कुछ तो होता हैं इस अनमोल रिश्ते में
जो खून का ना होकर भी सबसे बेहतर हैं।
एक दिन मिल ही जाएगी मंज़िल सारी
हर राह में जब साथ दोस्त हमारा हों॥
