Abhijit Tripathi
Action
हमारी शान है हिमगिरि, हमारी मां तो गंगा है
मेरी भाषा अमर हिन्दी, हमारा ध्वज तिरंगा है।
यहां रमजान में राम, अली होली में बसते हैं
मगर मजहब की नफरत का हर रोज दंगा है।
रक्तबीज कोरोन...
आखिर में हम ज...
आया है फिर से...
क्या
तेरे साथ जीना...
गर तू मेरा नह...
तुझे मांग लेत...
मेरे ना होने ...
देते जीवन दान, सभी को सीली छाया। देते जीवन दान, सभी को सीली छाया।
कहानी के किरदार उसकी अंतरात्मा. कहानी के किरदार उसकी अंतरात्मा.
क्या लिखूं उस पिता के बारे में जिसने मुझे लिखना सिखाया। क्या लिखूं उस पिता के बारे में जिसने मुझे लिखना सिखाया।
बड़े होकर कुछ उनमें से अपने, माता-पिता को ही पराया करते। बड़े होकर कुछ उनमें से अपने, माता-पिता को ही पराया करते।
धर्मनिरपेक्षता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा. ऐसी है प्यारी हमारी रहस्यमयी लाइब्रेर धर्मनिरपेक्षता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा. ऐसी है प्यारी हमारी रहस्यमयी...
कर्मठ लगनशील हो करके, करणीय कार्यों को पहचानें। कर्मठ लगनशील हो करके, करणीय कार्यों को पहचानें।
अब लड़ना हो तो स्कूल की गुणवत्ता के लिए लड़ना अब लड़ना हो तो स्कूल की गुणवत्ता के लिए लड़ना
करके अच्छी व्यवस्था, मिटाओ यह कोरोना। करके अच्छी व्यवस्था, मिटाओ यह कोरोना।
हरे भरे वृक्षों के नीचे, कुछ देर सांसें लिया करो। हरे भरे वृक्षों के नीचे, कुछ देर सांसें लिया करो।
मतलबी दुनिया सारी तिजोरी अपनी भरे मतलबी दुनिया सारी तिजोरी अपनी भरे
प्रशासन भी साथ उन्हीं का देती जिनसे उनकी पैसों की बुझती प्यास है प्रशासन भी साथ उन्हीं का देती जिनसे उनकी पैसों की बुझती प्यास है
उम्मीद रखकर सभी, फलीभूत करें आशा। उम्मीद रखकर सभी, फलीभूत करें आशा।
ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नहीं होता। ज़िंदगी की पतंग भी उड़ती। डोर से फ़ासला नहीं होता।
धन-दौलत सुख-सुविधा वास्ते, तुमने हमको क्यों धोखा दिया। धन-दौलत सुख-सुविधा वास्ते, तुमने हमको क्यों धोखा दिया।
हर पल दिल की धड़कती साँसों के साथ याद आते हो तुम, हर पल दिल की धड़कती साँसों के साथ याद आते हो तुम,
सबके विनाश में मिले सुकून भले हो खुद की हार। सबके विनाश में मिले सुकून भले हो खुद की हार।
होते जा रहे हैं लोग अब मतलबी, वो कमबख़्त अब भी सच्चा-प्यार ढूंढता है। होते जा रहे हैं लोग अब मतलबी, वो कमबख़्त अब भी सच्चा-प्यार ढूंढता है।
संविधान का मान, करणा इब उट्ठो जागो। संविधान का मान, करणा इब उट्ठो जागो।
बहुत खुश होकर वह, कर्त्तव्य निर्वहन करता। बहुत खुश होकर वह, कर्त्तव्य निर्वहन करता।
जो भटक रहे हैं मुलाकात के इतंजार में। जो भटक रहे हैं मुलाकात के इतंजार में।