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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Inspirational

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Inspirational

दिये जलाओ प्यार के

दिये जलाओ प्यार के

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जग में अँधेरा ना रह पाये

ऐसा उजियार करो

दिए जलाओ प्यार के 

मानवता संसार में 

ना कहीं अँधियार रहे।।


अवनि स्वर्ग सरीखा

बैर ,द्वेष ना हो क़ोई 

मानव ,मानवता का जग

सारा सुंदर मनभावन

संसार रहे।।

भेद भाव नहीं ,

कोई मजबूर नहीं 

प्राणी प्राण प्रेम 

की बहती निर्मल धरा

सम भाव समाज की

शक्ति के साथ रहे।।


दिए जलाओ प्यार के राष्ट्र समाज निर्माण के---


राष्ट्र जननी जन्म भूमिश्च

हो अभिमान हमारा

आज्ञाकारी संतान राम सी संतान रहे अन्याय ,

अत्याचार का ना नामो निशा रहे।।


लिंग भेद का दर्द नहीं ,प्राणी

प्रकृति ,परिवार का युग संसार

पड़ती बेटी , बढती बेटी, अंतर

द्वन्द नहीं बेटी बेटों में बेटी लक्ष्मी जैसी

शुभ मंगल का उपवन सारा जग सारा का उजियार रहे।।


नारी उत्पीड़न ,बाल श्रम ,श्रमिक

अभिशाप सबके अधिकार

सुरक्षित सबको उपलब्धि अवसर

का देश युग समाज काल रहे।।


हाथ उठे गर श्रम ,कर्म ,धर्म में

भिक्षा ना ले, दे कोई मूल्यों मर्यादा

का संसार रहे।।


मजदूर मज़लूम मजबूर न हो

रोष प्रतिरोध न हो कोई उचित काम का

उचित दाम मजदूर मानव महिमा की दौलत पूंजी का राष्ट्र समाज रहे।।


किसान हताश,निराश न हो

धरती सोने की खान रहे

फ़र्ज़ ,कर्ज के मकड़जाल

आत्म शारीर का त्याग नही

आत्म हत्या का शिकार ना किसान रहे।।


कर्षती इति कृष्णः का गोपालक

किसान ग्राम देवता अभिमान रहे।।

 

गाँव खुशहाल आमिर गरीब का ना

भेद भाव शहर नगर की डगर डगर खुशहाली महक मान का मान रहे।।


व्यवसायी का व्यवसाय निर्विवाद निर्बाध हो ,

उद्योंगो का पहिया नित्य निरंतर चलता जाए

उद्योंगो की गति जाम ना जाम रहे।।


युवा शक्ति उत्साहित राष्ट्र निर्माण

की सार्थक ऊर्जा ना उग्र ,उग्रबाद रहे।।


युवा उत्साह उल्लास शौर्य का 

नित शंखनाद बुजुर्ग प्रेरणा 

का सम्मन रहे।।


आदर्श समाज ,आदर्श राष्ट्र ना

भय ,भ्रष्टाचार रहे त्वरित न्याय

रामराज्य का भारत विश्व प्रधान

रहे।।


हर रोज दिन में खुशियो रंगों

का तीज त्योहार खुशहाल पल

प्रहार राष्ट्र समाज रहे।।


बच्चा बच्चा राम कुपोषण का

ना हो शिकार मातृत्व सुख में

नारी को अभिमान रहे।।


जवान देश की सरहद पर

निर्भीक ,निडर सरहद का

फौलाद रहे।।


राम विजय अच्छाई ,सच्चाई की

विजय शक्ति की अर्घआराधना

नव रात दिन का पल पल वर्ष

युग दिन रात रहे।।


राम आगमन मन मन मे नव

स्फूर्ति जागृति चेतना का संचार रहे।।


ना कोई व्याधि रोग से पीड़ित ना

अकाल काल का कोई प्राणी ग्रास

रहे।।


घर घर दिए जल जाएंगे आशाओं

विश्वाश के प्रेम प्रवाह की मानवता

का नवयुग में संचार रहे।।


कवि लेखक कलाकार लिखे पढ़े

अभिव्यक्त करें युग का अभिमान

रामराज्य की सार्थकता का

गुण गान रहे।।


लोकतंत्र लोपतंत्र नही अराजक

अराजकता नही सात्विक

सद्कर्म का सहिष्णु लोकतंत्र का

नाम रहे।।


आसमान में लहराता फहराता तिरंगा

रामराज्य का विश्व प्रकाश रहे।।


सार्थकता के लेखन का प्रबुद्व समाज

निर्थक का ना कोई प्रमाण रहे।।


स्वच्छ अवनि ,आकाश वायु

ध्वनि प्रदूषण से मुक्त प्रकृति निर्मल

निर्झर बहती नदियां पर्वत वन जल

जीवन ,वन जीवन का सत्यार्थ रहे।।


ना कोई महामारी ना कोई बेरोजगारी

समय सिद्ध का उपयोग कोई जीवन

ना बेकार रहे।।


यही लेख लेखन हो गुण धर्म उपलब्धि

का सर्वसमाज जन जन उपयोगी

का योगदान योगदान रहे।।


नर में हर मानव नरेंद्र हो राष्ट्र समाज

के लिये त्याग तपस्या का मिशाल मशाल रहे।।


बापू के सपनों का भारत ,बल्लभ

की एकता का भारत नेता नियत

का भारत विश्वगुरु बेमिसाल रहे।।



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