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J P Raghuwanshi

Inspirational

3  

J P Raghuwanshi

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दिवारी गीत

दिवारी गीत

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जा ग्यारस पैं लग हैं मढ़ई,

        पुतरिया लै दैइयो।


बड़ी-बड़ी दद्दा ढालें आहें,

सब भैया मिल, दिवारी गाहें।

हम तो रिंग लैहै खुदै।

पुतरिया लै दैइयो।


विही, सिंघाड़े, साटें लिआहें।

सीताफल को भोग लगा हैं।

खिचड़ी हम खेहे संगै मही।

पुतरिया लै दैइयों।


चकिया, गुल्लक हमें लै दैइयों।

चश्मा फिरकनी, हमें लुअइयों।

हम तो चला लैहै खुदै।

पुतरिया लै दैइयो।



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