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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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दिल

दिल

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दिल की महफ़िल सजाये बैठे हैं,

खुशियों के गीत गुनगुनाये बैठे हैं।


दर्द मेरा चेहरे से जाहिर न हो जाये,

इसलिए हम मुस्कान सजाये बैठे हैं।


हिम्मत बनकर संभाल लें सदा ही,

खुद को हम मजबूत बनाये बैठे हैं।


भावनाओं को वश में कर सकें हम,

अपने अरमानों को दबाये बैठे हैं।


मेरे दिल के राज जाहिर न हो कहीं,

हम इसलिए ही पहरे लगाए बैठे हैं।


दिल की महफ़िल में ना वीरानगी हो,

 जिंदगी को जिंदादिली सिखाये बैठे हैं।


इन आँखों में कोई गम न रहे कभी,

इन आँखों को सदा हम हँसाये बैठे हैं।


नामुमकिन कुछ भी नही दिल के लिए,

इस बात का यकीन दिलाये बैठे हैं।


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