दिल तो हमारे एक थे
दिल तो हमारे एक थे
दिल तो हमारे एक थे
पर सोच अलग अलग,
जुदा तो हमे होना ही था
क्यूंकि,
मंज़िले तो हमारी एक थी
पर रास्ते अलग अलग ।
वक़्त बदला, मज़िले बदल गयी
रास्ते तो पहले से अलग थे ही,
अब दिलों की बारी आयी थी,
क्यूंकि,
अपना ही अंश मान बैठे थे जिसे हम
चोट उसने की बहुत भारी थी ।
जूनून देशभक्ति का था
इरादा था मातृभूमि की रक्षा का
जिसने शक्ति को हमारी निखारा था,
तब,
जोश हमारा देख कर,
दुश्मन भी थर्राया था ।
खोया माँ ने अपने बहुत से दुलरों को था,
गम में जिनके बच्चा बच्चा रोया था,
समय वही था ये जब
सुन माटी की पुकार,
आँसुओं को सूखा अपने, हर वीर ने
अंगारों को आँखों में अपने बसाया था ।
शोले दिलों में आज भी दहक रहे हैं
अंगारें आँखों में आज भी ज्वलंत हैं,
साक्षी जिसका इतिहास है, कि
आँख दुश्मन ने जब जब फिर उठायी है
मुंह की ही हर बार उसने खायी है ।
वादा, ऐ मादरे-वतन है हमारा
जियेंगे हम सदा बनकर तेरा सहारा
तेरा है, इस जिस्म में बहता लहू का हर कतरा
क्यूंकि,
आन तेरी, सम्मान है हमारा
कि वतन अपना, हमे है जान से भी प्यारा ।