दिल लगाना न आया
दिल लगाना न आया
प्यार तो था तुझसे,
पर प्यार जताना न आया।
तू ग़ैर हो चुका था इसलिए..
तुझे अपना बनाने का कोई
बहाना ना आया।।
हम तड़पते रहें तेरी चाहत में,
तुम्हें पास बुलाने का कोई..
बहाना न आया।
नासूर हो गई ये ज़िंदगी,
पर तुम्हें तो दिल लगाना न आया।।