Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Niraj Kumar

Romance Tragedy

2  

Niraj Kumar

Romance Tragedy

दिल की ख्वाहिशें

दिल की ख्वाहिशें

1 min
540


दिल से चाहा जिस किसी भी शख्स को,

अक्सर उसे खोया हूँ मैं।

लगी चोट जितनी भी दफा इस दिल को,

दिल की ख्वाहिशों से लिपटकर अक्सर रोया हूँ मैं ।


ख़्वाहिश ये नहीं थी के बेपनाह प्यार इस दिल को मिले,

प्यार के बस दो मीठे बोल को तरसता आया हूँ मैं।

मोहब्बत से भरी निगाह तो हर जगह मिल गई,

बस इज़्ज़त से भरी निगाह को आज भी तलाशे जा रहा हूँ मैं।


अनजान रह गया दुनिया के दस्तूर से ये दिल मेरा,

तभी तो दिलों के मेलों में आज भी अकेला हूँ मैं।

बेवफ़ाओं से वफ़ा की उम्मीद की हमेशा,

तभी तो हर दफा ठोकर खाया हूँ मैं।


ठोकर जमाने से मिलती तो ग़म ना होता,

पर हमेशा तो अपनों से ही ठोकर पाया हूँ मैं।

बेपरवाह उड़ान भरी जब भी इस दिल की बात सुनकर,

औंधे मुँह खुद को ज़मीन पर पड़ा पाया हूँ मैं।


अब ना उड़ान भरने का हौसला है और ना ख्वाहिशों को पूरा करने की चाहत,

अब तो हर एक रिश्ते से नाता तोड़ आया हूँ मैं।

इस दिल ने उड़ान भर के जीना सिखाया था मुझे कभी,

आज उसी दिल की ख्वाहिशों के पंख काटकर खुद को जीना सीखा रहा हूँ मैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance