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Kanchan Singla

Tragedy

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Kanchan Singla

Tragedy

दिल कहां है मेरा

दिल कहां है मेरा

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दिल कहां है मेरा

मैं ढूंढू हर जगह

मिले कोई जगह

बता ए मौसम जरा

कहां से लाऊं मैं

मुस्कुराहटें नयी

खो गई जो कहीं

अब कहीं बारीशें नहीं

नहीं बचे फूल कहीं

देखो बगिया उजड़ गई

नयी बस्ती बनी

मेरा दिल खो गया 

अब कहीं भी महक नहीं

प्रकृति की खुशबू नहीं

हरियाली दिखे नहीं

मेरा दिल ढूंढें यही

गुम गया जो कहीं

फिर से बरशे बरखा कहीं

पत्तो से टपके बूंदें कहीं

खिले नयी कलियां कहीं

जिन्हे छू कर खिल उठे मेरा दिल

जो गुम गया है यहीं कहीं।।


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உள்நுழை

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