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Pallavi Pal

Comedy Fantasy Others

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Pallavi Pal

Comedy Fantasy Others

दिल - एक चालबाज यार

दिल - एक चालबाज यार

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 यार लाख कोशिशें की...दिल को मनाने की...
 पर ये...तो खुद का ही दुश्मन निकला,
 जहां मकान बनाना नहीं था...
वहीं का किरायेदार निकला।


 बहुत फरेबी है ये दिल,
 इसके दंभ... जलेबी से भी ज़्यादा टेढ़े हैं!
कभी लगता... टेढ़ी पगडंडी सा,
तो कभी... पाखंडी निकला ये बेचारा!

 कहां ढूंढ़ें इसका पता,
ये तो खुद... बेनामी है।
ठगता है अपनों को भी,
बड़ी ही शातिर... आसामी है।


भूल से भी जो इसे... छूट दे बैठे,
 तो इसकी चालें... निराली हैं।
हर दिन नया ढंग सीखता है,
ग़ैरों की नकल में... अव्वली है!

 जो देखो, करता है बवाल ही बवाल,
 हर जज़्बा बना देता है... सवाल!
है मौका परस्त ये...
लाखों का व्यापारी है,
जज़्बातों का सौदा करता है...
 हर मोड़ पर... तैयारी है।

 सोच समझ कर उलझो इससे,
वरना... ये उलझा ही डालेगा।
ये दिल है 'ग़ालिब'...
कहीं कोई सीधी कव्वाली नहीं है।

 डॉ पल्लवी पाल


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