वो है मेरा ब्रह्मांड
वो है मेरा ब्रह्मांड
वो सिर्फ माँ नहीं है —
वो हर शुरुआत की जननी है।
जैसे तारों की पहली रोशनी,
जो अंधेरे को भी सुरक्षित बना देती है।
उसकी मुस्कान पहली सुबह की तरह है,
उसकी आवाज़ वो गीत है
जो हर तूफ़ान को शांत कर देता है।
जब हम गिरते हैं या लड़खड़ाते हैं,
उसकी बाँहें हमें थामने को पूरा संसार बन जाती हैं —
कोमल, मज़बूत, और हमेशा साथ।
वो बिना कहे दर्द समझ लेती है,
ख़ामोशी को जाने कैसे पढ़ लेती है,
हर बार जब वो गले लगाती है,
तो दिल के हर टुकड़े को जोड़ देती है,
और फिर से उड़ने की ताक़त दे जाती है।
वो कुछ नहीं माँगती,
फिर भी अपना समय, प्रेम और आत्मा का हिस्सा लुटा देती है।
उसका आंचल वह शीतलता देता है जो कहीं और नहीं ,
और गोद में हो जैसे जन्नत,
हम हैं उसके लिए उसकी मन्नत।
वो है वो कारण
जिससे इंसान चमत्कार, करुणा और सच्चे प्रेम पर विश्वास करता है।
वो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं —
वो जीवन के हर अर्थ में समाई हुई है।
हम सिर्फ उसके प्रेम के अतः सागर की एक बूंद हैं।
वो है हर दिल की धड़कन की लय,
हर कारण की जड़,
हर न बोले जाने वाले 'क्यों' की गर्माहट।
उसे माँ कहते हैं —
पर जान लो, वो उससे कहीं अधिक है।
वो है वो दिव्यता,
जिसके चारों ओर पूरा ब्रह्मांड घूमता है।
वो है मेरा ब्रह्मांड।
डॉ पल्लवी पाल
