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Ramashankar Yadav

Romance

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Ramashankar Yadav

Romance

दिल चुपके-चुपके रोता है!!!

दिल चुपके-चुपके रोता है!!!

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चाहे कोई भी मौसम हो, हर मौसम सावन होता है।

जब याद तुम्हारी आती है, दिल चुपके - चुपके रोता है।


सागर से उठकर जो लहरें साहिल को आ छू जाती हैं,

धीरे से उमंगे भी उठकर मेरे दिल के तार बजाती हैं,

मैं पागल सा हो जाता हुँ, मन मेरा विहल हो जाता है,

दिल चुपके - चुपके रोता है।


गीली बूंदे सावन की आ धरती की चुनर रंग जाती,

मौसम ये देख सुहाना फिर, प्यास मिलन की जग जाती,

कोई पीर जिगर को चीर गई, वह दर्द सा दिल में होता है,

दिल चुपके - चुपके रोता है।


सांझ ढले अमराई में, पंछी चहके जब पेड़ों पर,

सब कीट निकल कर खेतों से, कोई गीत छेड़ दें मेड़ों पर,

तब तुम जान हमारी लेती हो, हम जागें सारा जग सोता है,

दिल चुपके - चुपके रोता है।


सहसा ही चल देता हूँ मैं, सहसा ही ठहर जाता हूँ,

सुख चैन से बैठा होता हूँ, एक याद से तेरी मैं तो,

एकदम से लरज जाता हूँ,

कुछ तुम भी कहो बेपीर सनम, क्या तुम संग भी ऐसा होता है?

दिल चुपके - चुपके रोता है?



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