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Brahmwati Sharma

Inspirational

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Brahmwati Sharma

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दीपशिखा

दीपशिखा

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एक दीप की लघु ज्वलन प्रकाशित करती घर आंगन।

एक हवन की आहुति धूम्र से भी कर देती धरनी से नभ तक पावन।

है एक रूप उस पावक का म्लान मानस से कर देती भस्मीभूत घर गांव आंगन।

वैमनस्य  की एक चिंगारी जो निकली कर देती स्वाहा समस्त जनमानस।

वही अनल की लौ निष्प्रांण देह को झर झर जला कर कर देती पतित पावन।

प्रीत प्रेम की दीप शिखा बन वही संपूर्ण सृष्टि में भर देती प्रीति पावन।
 
ब्रह्मवती शर्मा
हाथरस 


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