आपकी मुस्कान
आपकी मुस्कान
आपकी मुस्कान यूं ही सलामत रहे खिल खिलाते रहे
फूलों की तरह तो दूसरों को भी हंसाना होगा।
गुलशन में आती रहे हिना और फूलों की खुशबू तो प्रेम से कुछ दाना तो जमीं पर गिराना होगा।
गुलशन रहे आबाद और खुशहाल तो प्रेम से प्रेम का पौधा भी लगाना होगा।
गुलशन में होती रहे परिंदों की चहचहाट तो परिंदों को दाना भी खिलाना होगा।
आतीं रहे गुलशन में तितलियां और मधुमक्खियां फूलों के परागकण को तो बचाना होगा।
शहद यूं ही नहीं मिलता गुलशन में जीवन में मिठास घोलने के लिए प्रेम और प्यार के नायाब नगमे को तो गाना होगा।
गुलशन में आती रहे हिना और फूलों की खुशबू तो कुछ प्रेम से ज़मीं पर प्रेम का दाना तो गिराना होगा।
आपकी मुस्कान यूं ही सलामत रहे खिल खिलाते रहे फूलों की तरह तो दूसरों को भी हंसाना होगा।
